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छोटी उधारी से बचने के 10 असरदार उपाय

बजट, बचत और व्यवहारिक भुगतान आदतों से रोज़मर्रा की छोटी उधारियाँ रोकी जा सकती हैं

दैनिक बजट बनाकर छोटी उधारी रोकें

हर दिन के छोटे-छोटे खर्चों का हिसाब रखना सबसे असरदार तरीका है। चाहे चौक-चौक पर मिलने वाला चाय-नाश्ता हो या ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन, इसे एक छोटे बजट में बाँटकर आप अचानक उधारी लेने से बच सकते हैं।

बजट में रोज़ाना, साप्ताहिक और मासिक श्रेणियाँ बनाएं और कैश के साथ-साथ UPI और कार्ड से होने वाले खर्च भी ट्रैक करें। महीने के अंत में अवश्य तुलना करें ताकि अगले महीने और बेहतर योजना बन सके।

आपातकालीन बचत को प्राथमिकता दें

छोटी उधारी अक्सर तब होती है जब अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ती है। हर महीने वेतन का कम-से-कम 5-10 प्रतिशत एक आपातकालीन फंड में रखें, चाहे शुरुआत में वह छोटी राशि ही क्यों न हो। यह फंड छोटी उधारियों का सबसे बड़ा बचाव है।

यह फंड बैंक FD, माइक्रो-सेविंग अकाउंट या मोबाइल वॉलेट में सुरक्षित रखें, लेकिन उसे रोजमर्रा की जरूरतों के लिए न छेड़ें। छोटी-छोटी जमा आदतें समय के साथ बड़ा सुरक्षा जाल बनाती हैं।

भुगतान आदतें बदलें और क्रेडिट के प्रयोग को सीमित करें

क्रेडिट कार्ड और तुरंत खरीदारी के विकल्प छोटे कर्जों की वजह बनते हैं। किस्तों और ईएमआई को सोच-समझकर लें और गैरज़रूरी क्रेडिट सुविधाओं से दूरी बनाएं। खरीदने से पहले कीमत और आवश्यकता दोनों पर रुककर विचार करें।

डिजिटल पेमेंट हिस्ट्री नोट रखें ताकि पता चले कब किस चीज़ के लिए उधारी ली जा सकती है और कब नहीं। बकाया समय पर चुकाने का नियम अपनाने से छोटे-छोटे ब्याज और जुर्माने बचेंगे।

स्मार्ट खरीदारी और वैकल्पिक उपाय अपनाएँ

सामान्य जरूरतों के लिए सस्ती और लोकल विकल्प खोजें, जैसे मंडी से राशन लेना या लोकल शॉप्स से सस्ता ख़रीदारी करना। ग्रुप-बाय या महीने के ऑफर से भी कीमत कम आती है, जिससे उधारी की जरूरत घटती है।

दोस्तों और परिवार से अस्थायी मदद लेना क्रेडिट लाइन जितना महंगा नहीं होता, पर इसे नियमित आदत न बनने दें। आवश्यकता पड़ने पर सरकारी योजनाओं और बैंकिंग क्रेडिट ऑप्शन्स की सलाह लें ताकि छोटी उधारी की जगह स्थिर समाधान मिल सके।