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बिना वंचित महसूस किए प्राथमिकताएं तय कर समय प्रबंधन और उत्पादकता सुधारें

समय प्रबंधन, प्राथमिकताएं और उत्पादकता को संतुलित करने की सरल रणनीतियाँ जो वंचित महसूस किए बिना बेहतर परिणाम दिलाती हैं

स्पष्ट उद्देश्य से प्राथमिकताएं बनाएं

पहले ये तय कर लें कि दिन का एक-या दो लक्ष्य क्या हैं जिनपर पूरा ध्यान देंगे। छोटे-छोटे काम बराबर जरूरी नहीं होते; जो मिशन पर असर डालते हैं उन्हें ऊपर रखें।

समय प्रबंधन का मतलब हर चीज करना नहीं, बल्कि सही चीज़ करना है। जब लक्ष्य साफ़ होंगे तो प्राथमिकताएं तय करना आसान हो जाएगा और आप वंचित महसूस नहीं करेंगे।

80/20 नियम और समय बॉक्सिंग अपनाएँ

परेशानी कम करने के लिए 80/20 नियम अपनाएँ: 20% काम से 80% नतीजे मिलते हैं, उन कामों को पहले निपटाएँ। यह तरीका रोजमर्रा की व्यस्तता में आपको फोकस वापस देता है।

समय बॉक्सिंग में हर काम के लिए 25-60 मिनट तय कर लें और ब्रेक लें। यह तरीका घर या दफ्तर, दोनों जगह काम करने वालों के लिए आसान है और आपको खाली हाथ न रहने देता है।

सीमाएँ तय करें और आराम को प्राथमिकता दें

ना कहना सीखना समय प्रबंधन का बड़ा हिस्सा है; हर अनुरोध को स्वीकार करने से आप खुद को खो देंगे। सीमाएँ निर्धारित कर के काम की सूची छोटी रखें और जरूरी पर हाँ कहें।

आराम और सोना छोड़कर तेज़ी नहीं पाते, बल्कि बेहतर फ़ोकस मिलता है। छोटे ब्रेक और अच्छी नींद के साथ उत्पादकता बढ़ती है और आप वंचित नहीं महसूस करते।

छोटे नियम और रोज़ाना रिव्यू रखें

साधारण नियम बनाएं जैसे सुबह 15 मिनट में दिन की सूची तैयार करना और शाम को 10 मिनट में समीक्षा करना। रोज़ाना रिव्यू से आप समझ पाएंगे कि क्या काम कर रहा है और क्या बदलेगा।

हफ्ते में एक बार प्राथमिकताओं की बड़ी जाँच करें और जरूरत के हिसाब से बदलाव करें। इससे आप लचीलापन बनाए रखेंगे और काम में लगे हुए महसूस करेंगे, न कि वंचित।